Sunday, January 11, 2009

बिकाऊ हैं बाढ़ पीड़ितों के बेटे

महाजनों, नव-सामंतों के कर्ज तले दबे लोग, अब अपने कलेजे के टुकड़े यानी अपने नन्हे बच्चों का भी सौदा करने लगे हैं. ये सनसनीखेज खुलासा तब हुआ जब सहरसा जिले की पुलिस ने बैद्यनाथपुर चौक से एक साथ १२ अबोध बच्चों के साथ दो बच्चों के सौदागरों को धर दबोचा. ये सभी बच्चे उन लोगो के हैं, जिनका बाढ़ में सब-कुछ तबाह हो गया. न तो उनके पास अपना पेट भरने की व्यवस्था है और न ही बच्चों को जिन्दा रखने के लिए अनाज का एक दाना. ऊपर से महाजनों और नव सामंतो ने अपनी कर्ज वसूली के लिए इनके ऊपर डंडा चलाना शुरू कर दिया है. महाजनों के डंडे से बचने के लिए बाढ़-पीड़ित अपने बच्चो को दलालों के हाथ बेच रहे हैं. पकड़े गए दलालों ने पुलिस के सामने ये खुलासा किया है की मानव अंगों की तस्करी करने वाले गिरोह बाढ़ पीड़ितों के बच्चों को खरीद कर ले जा रहे हैं. पुलिस कप्तान राजेश कुमार ने बताया की पकड़े गए दो तस्करों से पूछताछ से मानव अंगों की तस्करी करने वाले कई बड़े गिरोहों के बाढ़ प्रभावित इलाकों में होने से सम्बंधित जानकारी मिल सकती है. स्थानीय लोग कहते हैं की बाढ़ में तबाह हो चुके लोगों पर, महाजनों ने ऐसे समय में दबाव बनाया है की वो अपनी जान बचाने के लिए अपने कलेजे के टुकडों का सौदा करने पर मजबूर हैं.